- स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी जो प्रथम महिला क्रांति को समर्पित थी, फ्रांस ने अमेरिका को भेंट दी थी।
- 1848 को न्यूयॉर्क में मतदान के अधिकार के लिए आंदोलन, 72 साल बाद मिला।
स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी जो प्रथम महिला क्रांति को समर्पित थी, फ्रांस ने अमेरिका को भेंट दी थी।
1789 की फ्रांसीसी क्रांति में, महिलाओं ने पहली बार समानता के लिए लड़ाई लड़ी। महिलाओं ने 60 समूह बनाए। रिवोल्यूशनरी एंड रिपब्लिकन वूमन्स क्लब की सोसाइटी ने व्यापक रूप से चर्चा हुई । महिलाओं ने शिक्षा का अधिकार, अपने पति को चुनने, मतदान करने और चुनाव लड़ने की मांग की थी। नई सरकार ने उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया और नागरिक कानून के तहत शादी को मंजूरी दे दी। स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी महिला क्रांति को समर्पित है। 1886 में फ्रांस द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका को उपहार दिया गया था।
1848 को न्यूयॉर्क में मतदान के अधिकार के लिए आंदोलन, 72 साल बाद मिला
1848 कोपहली बार न्यूयॉर्क में, महिलाओं ने मतदान के अधिकार के लिए एक आंदोलन शुरू किया। 1908 में, न्यूयॉर्क में 15,000 महिलाओं ने मार्च किया। 1909 में पहली बार महिला दिवस मनाया गया था। 1920 में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया। 1975 में, संयुक्त राष्ट्र परिषद ने महिला दिवस को मंजूरी दी। 1977 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने निर्धारित किया कि 8 मार्च एक दिन महिलाओं के अधिकारों के लिए समर्पित होगा । 8 मार्च को दुनिया के 15 देशों में छुट्टि होती हैं।
कभी भी हिंसक विरोध प्रदर्शन नहीं किया, परमाणु हमले के खिलाफ पहली हड़ताल की
महिलाओं ने कभी भी हिंसक आंदोलन का नेतृत्व नहीं किया। महिलाोंने सबसे पहले परमाणु बम के खिलाफ आवाज उठाया । 1961 में परमाणु परीक्षण के विरोध में 50,000 महिलाओं ने 60 शहरों में संयुक्त राज्य अमेरिका में हड़ताल की थी । इसके अलावा, महिलाएं हमेशा सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील रही हैं। जलवायु परिवर्तन आज दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है। ग्रेटा थुनबर्ग और रीटा हार्ट दोनों पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली महिलाएं हैं।
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