न्यूयॉर्क / वाशिंगटन: अमेरिका का का दावा है कि चीनने वुहान की एक प्रयोगशाला में कोरोना वायरस विकसित किया और दुनिया को इससे संक्रमित किया। संयुक्त राज्य अमेरिका में फॉक्स न्यूज ने गुरुवार को दावा किया कि चीन ने वुहान की प्रयोगशाला में वायरस को एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए बनाया है ताकि पता चले कि चीनी शोधकर्ता अमेरिकी शोधकर्ताओं से कहीं आगे हैं। चीनी ने वायरस को जैविक हथियार के रूप में नहीं बल्कि दुनिया को अपनी ताकत दिखाने के लिए बनाया। चीनने यह दिखाने की है की कोरोना जैसे घातक वायरस की परख हमें है और हम उसे नियंत्रण में लाना भी जानते हैं । यह चीन की अब तक की सबसे महंगा और गुप्त कार्यक्रम था।
फॉक्स न्यूज ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि, डॉक्टरों के प्रयासों और लैब में वायरस के नियंत्रण पर नियंत्रण को लेकर हाल ही में किए गए कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह पाया गया कि वुहान बाजार में जहां कोरोना फैलता है, वहां चमगादड़ों की बिक्री नहीं होती । चीन ने लैब के खिलाफ आरोपों को अलग दिशा देने के लिए चमगादड़ों के मार्केट के मुद्दे को जानबूझकर सामने लाया ।
प्रयोगशाला में वायरस का उत्पादन नहीं होता है, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी पुष्टि की है: चीन का जवाब
चीन ने गुरुवार को खुलासा किया है कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर वुहान में एक प्रयोगशाला के माध्यम से जानबूझकर वायरस फैलाने का आरोप लगाया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी पुष्टि की कि कोरोना वायरस, जो दुनिया भर में 2 मिलियन से अधिक लोगों को संक्रमित करता है, लैब में उत्पादन नहीं किया गया था।
तनाव बढ़ा: अमेरिका को अब चीन से परमाणु परीक्षण का शक हुआ
अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा कि चीन ने सीटीबीटी समझौते का अनुपालन करने का दावा करने के बावजूद गुप्त रूप से अपनी कम शक्ति के परमाणु हथियारों का परिक्षण करने की संभावना है । दोनों देशों के रिश्ते, जो पहले से ही कोरोना द्वारा क्षतिग्रस्त हैं, दावे के बाद और भी अधिक तनावपूर्ण हो सकते हैं। अमेरिका के ध्यान में यह संदेह आया है क्योंकि पिछले साल चीन के लोप नूर परमाणु परीक्षण स्थल पर बड़ी हलचल देखने को मिली थी ।