India has been successful in producing the Hypersonic Technology Demonstrator (HSTDV) in the country. It is considered to be the biggest achievement of the Indian Defense and Development Organization DRDO
भारत देश में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर (HSTDV) का उत्पादन करने में सफल रहा है। इसे भारतीय रक्षा और विकास संगठन DRDO की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है। सोमवार को ओडिशा के बालासोर में एपीजे अब्दुल कलाम रेंज में इसका सफल परीक्षण किया गया। टेस्ट को स्क्रैमजेट इंजन की मदद से लॉन्च किया गया था। इसके साथ ही भारत हाइपरसोनिक गति हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। अभी तक यह तकनीक केवल अमेरिका, रूस और चीन के लिए उपलब्ध थी।
रक्षा मंत्री ने DRDO को दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में डीआरडीओ की प्रशंसा की, “प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने और इसे हासिल करने के लिए डीआरडीओ टीम को बधाई। मैंने टीम के शोधकर्ताओं से बात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। भारत को उन पर गर्व है।”
#WATCH DRDO‘s successful demonstration of the Hypersonic air-breathing scramjet technology with the flight test of Hypersonic Technology Demonstration Vehicle, at 1103 hours today from Dr. APJ Abdul Kalam Launch Complex at Wheeler Island, off the coast of Odisha pic.twitter.com/aC1phjusDH
— ANI (@ANI) September 7, 2020
5 वर्षों में एक हाइपरसोनिक मिसाइल का निर्माण करेगा
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत अगले पांच वर्षों में एक हाइपरसोनिक मिसाइल का निर्माण कर सकता है। एक हाइपरसोनिक मिसाइल जो दो किलोमीटर प्रति सेकंड की दूरी तय करती है ध्वनि से 6 गुना तेज है। भारत में निर्मित मिसाइलों में स्क्रैमजेट प्रोपल्शन प्रणाली होगी।
सभी मापदंडों पर तकनीक सही साबित हुई
परियोजना का नेतृत्व कर रहे डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी की टीम ने सोमवार को सुबह 11.03 बजे प्रायोगिक लाँच किया। परीक्षण प्रक्रिया 5 मिनट तक चली। लाँचिंग कंबशन चेम्बर प्रेशर वेहिकल, एअर इनटेक और कंट्रोल परीक्षण के लिए सभी पैरामीटर हैं।